Formal Communication VS Informal Communication In HINDI

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 Formal vs Informal


क्या आपको भी परेशानी होती है Formal Communication VS Informal Communication में तो आज हम इस ब्लॉग पर Formal Communication VS Informal Communication को एक स्टोरी की मदद से समझते है 
Communication का मतलब है विचारों, जानकारी, भावनाओं या संदेशों का आदान-प्रदान। यह दो तरह का हो सकता है –

1️ Formal Communication (औपचारिक संचार)
2️ Informal Communication (अनौपचारिक संचार)

स्टोरी के जरिए समझें – Formal Communication क्या है? Informal Communication क्या है?

अमन और रोहन बचपन के दोस्त थे। दोनों का सपना था कि ज़िंदगी में कुछ बड़ा करें। स्कूल खत्म होने के बाद, अमन ने एक बड़ी कंपनी में नौकरी कर ली और रोहन ने अपना खुद का बिजनेस शुरू कर दिया।

समय बीता, और दोनों की ज़िंदगी में कई बदलाव आए। एक दिन दोनों एक कैफे में मिले और अपने-अपने अनुभवों के बारे में बात करने लगे।

"यार, मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है, लेकिन ऑफिस का माहौल बहुत अलग होता है," अमन ने कहा।
"कैसा अलग?" रोहन ने पूछा।
"मतलब यहाँ हर चीज़ के लिए एक तय तरीका होता है। अगर मुझे बॉस से कुछ पूछना हो, तो सीधे जाकर नहीं पूछ सकता। पहले ईमेल लिखना पड़ता है, फिर मीटिंग शेड्यूल करनी होती है। हर चीज़ एक सिस्टम के तहत चलती है।"
"ओह, यानि तुम लोगों की बातचीत भी पूरी तरह प्रोफेशनल होती है?"
"हाँ, इसे ही कहते हैं फॉर्मल कम्युनिकेशन। जैसे मीटिंग्स में प्रॉपर प्रेजेंटेशन देना, हर चीज़ को डोक्यूमेंट करना, और एक डिसिप्लिन के साथ काम करना।"
रोहन ने सिर हिलाया, "समझ गया! लेकिन हमारे बिजनेस में ऐसा कुछ नहीं होता। हम तो सीधे फोन करके बात कर लेते हैं, जल्दी फैसले ले सकते हैं। जब भी कोई नया आइडिया आता है, तो मैं अपने स्टाफ से बिना किसी फॉर्मेलिटी के डिस्कस कर सकता हूँ।"
अमन हँस पड़ा, "हाँ, इसे ही कहते हैं इनफॉर्मल कम्युनिकेशन। इसमें कोई नियम-कायदे नहीं होते, बातें जल्दी होती हैं और माहौल हल्का रहता है। लेकिन बिजनेस में सिर्फ इनफॉर्मल तरीके से काम नहीं चलता, तुम्हें क्लाइंट्स से डील करने के लिए प्रोफेशनल अप्रोच भी चाहिए।"
"तो क्या मुझे भी फॉर्मल कम्युनिकेशन सीखना चाहिए?" रोहन ने पूछा।
"बिल्कुल! और मुझे भी तुम्हारी तरह टीम के साथ थोड़ा इनफॉर्मल होना चाहिए, ताकि लोगों को मुझसे खुलकर बात करने में आसानी हो।"
दोनों हँस पड़े और चाय का एक घूँट लिया। उस दिन उन्होंने समझा कि ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए फॉर्मल और इनफॉर्मल दोनों तरह का कम्युनिकेशन आना चाहिए। फॉर्मल कम्युनिकेशन अनुशासन और स्पष्टता लाता है, जबकि इनफॉर्मल कम्युनिकेशन नए विचारों और रिश्तों को मजबूत करता है।

सही समय पर सही तरीके से बात करना ही सफलता की असली कुंजी है।

Formal Communication (औपचारिक संचार)

यह वह तरीका है जिससे ऑफिस, स्कूल या बिजनेस में बात की जाती है। इसमें एक तय तरीका और अनुशासन होता है।
कहाँ इस्तेमाल होता है?
जब आप टीचर से छुट्टी मांगते हैं और एप्लीकेशन लिखते हैं।
जब बॉस को कोई काम के लिए ईमेल भेजते हैं।
जब सरकारी दफ्तर में कोई आवेदन भरते हैं।

 उदाहरण:

सोचो, तुम स्कूल में हो और अचानक तुम्हें घर जाना है। अगर तुम क्लास में टीचर से कहो – "मैम, मैं जा रहा हूँ" तो क्या वे जाने देंगी?  नहीं!इसके लिए तुम्हें एक लीव एप्लीकेशन लिखनी होगी:
"मैम, मैं बीमार हूँ, कृपया मुझे आज के लिए छुट्टी दें।"
यानी, जब कोई काम प्रोफेशनल या गंभीर माहौल में होता है, तो हमें Formal Communication इस्तेमाल करना पड़ता है।

 Informal Communication (अनौपचारिक संचार) – जब बातचीत फ्री हो

यह वो तरीका है जिससे हम अपने दोस्तों, परिवार या करीबी लोगों से बात करते हैं। इसमें कोई नियम या फॉर्मेलिटी नहीं होती।
कहाँ इस्तेमाल होता है?
जब दोस्तों से चैट पर बात करते हैं।
जब मम्मी से कह देते हैं – "मुझे भूख लगी है"।
जब टीम में दोस्ताना माहौल में डिस्कशन करते हैं।

उदाहरण:

अगर तुम्हें अपने दोस्त से पेन लेना है, तो क्या तुम उसे पत्र लिखोगे? ❌ नहीं!
तुम सीधा कहोगे – "भाई, पेन देना!" 
इसी तरह, अगर किसी ऑफिस में लोग एक-दूसरे से बिना ईमेल भेजे मज़ाक में बात कर रहे हों, तो वह Informal Communication होगा।
Formal Communication यह एक व्यवस्थित और अनुशासित तरीका है, जिसमें हर चीज़ का एक तय प्रोसेस होता है। आमतौर पर यह लिखित (ईमेल, पत्र, रिपोर्ट) या आधिकारिक मौखिक (मीटिंग, प्रेजेंटेशन) रूप में होता है।
  • "आदरणीय सर/मैडम, कृपया मेरी छुट्टी को स्वीकृत करें। धन्यवाद।"
  • प्रिय महोदय, कृपया संलग्न दस्तावेज़ों को देख लें।"

कहां ज़रूरी है?

 ऑफिस में जब आप अपने बॉस से बात कर रहे हों।
 किसी सरकारी काम या बैंक से जुड़े काम के दौरान।
 जब आप इंटरव्यू दे रहे हों।
 जब आपको किसी को ऑफिशियल मेल भेजनी हो।
Informal Communication  इसमें कोई तय नियम नहीं होते, और बातचीत कैजुअल तरीके से होती है। इसमें भावनाओं की ज्यादा अहमियत होती है।
  • "अरे भाई, जरा मेरी हेल्प कर दो!"
  • "यार, तेरी आवाज़ बहुत दिनों बाद सुनी, क्या हाल है?
  • "मम्मी, भूख लगी है, खाना दो

कहां ज़रूरी है?

 जब आप दोस्तों या परिवार से बात कर रहे हों।
 जब आप सोशल मीडिया या चैटिंग ऐप्स पर बातचीत कर रहे हों।
 जब आप किसी सहकर्मी (colleague) से कैजुअली बात कर रहे हों।
 जब आप किसी अनौपचारिक मीटिंग में हों।.
उम्मीद है आपको अब समझ आया होगा Formal Communication क्या है और Formal Communication क्या है 

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